“धीमी अर्थव्यवस्था और शेयर बाज़ार का खोया दशक: नए विकास स्रोतों की तलाश”

1) “भारत का नॉमिनल जीडीपी और मुख्य आय के स्रोत (सेवाएँ, सॉफ्टवेयर, ट्रांसफर) FY15–25 में एकल अंक की वृद्धि तक धीमे हो गए हैं।”
👉 सरल अर्थ: भारत की कुल आर्थिक आय (जीडीपी) और कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्र जैसे सेवाएँ (बैंकिंग, हॉस्पिटैलिटी), सॉफ्टवेयर (आईटी कंपनियाँ), और ट्रांसफर (जैसे विदेश से भेजा गया पैसा) की वृद्धि 2015 से 2025 तक बहुत धीमी रही है। यानी इन क्षेत्रों से आने वाला पैसा अब बहुत कम (10% से कम) बढ़ रहा है।

2) “निवेशकों को शेयर बाजार में ‘खोए हुए दशक’ के लिए तैयार रहना होगा।”
👉 अर्थ: अगर आप शेयर बाजार में पैसा लगाते हैं, तो अगले दस साल में आपको बहुत अधिक फायदा नहीं हो सकता। इसे “खोया हुआ दशक” इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि आर्थिक वृद्धि धीमी होने के कारण शेयर बाजार से बड़ा मुनाफा मिलने की संभावना कम है।

3) “जब तक नए वृद्धि के स्रोत नहीं उभरते…”
👉 अर्थ: अगर भारत में नए क्षेत्र (जैसे नई टेक्नोलॉजी, उद्योग या अन्य आय के स्रोत) नहीं आते, तो यह धीमी वृद्धि जारी रहेगी। नए स्रोत यानी ऐसे क्षेत्र जो तेजी से बढ़ें और अर्थव्यवस्था को गति दें।

सरल उदाहरण:
मान लीजिए आपकी दुकान की कमाई पहले हर साल बहुत बढ़ती थी, लेकिन अब यह बहुत कम बढ़ रही है। अगर आप नया धंधा या नया तरीका नहीं ढूँढते, तो कमाई कम ही रहेगी। और अगर आपने शेयर बाजार में पैसा लगाया है, तो वहाँ से भी ज्यादा मुनाफा नहीं मिलेगा। इसलिए, अगर भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से नहीं बढ़ती, तो निवेशकों के लिए आगे का समय मुश्किल हो सकता है — जब तक कि विकास के नए रास्ते न मिलें।

2 Comments

  1. India should move forward towards development of our own social media,it sector ,and create more skilled candidates that they work for our own country and get good salary.it is our own indian candidates working in other countries at top levels .if indian companies develops and give them opportunities then india will be at rop level in world .we should learn from China where each family works hard for growing their economy where 30 percent of Indians are lazy.we need to educate everyone.

    1. Totally agree 👏 India has the talent — we just need to build the right opportunities here. If our skilled people get good chances at home, India can lead globally 🇮🇳
      China shows what’s possible when everyone contributes. With better education and skill development, we can achieve the same.
      Self-reliance is the future

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